नहीं चुका पा रहे हैं बैंक लोन या क्रेडिट कार्ड का बिल तो अब टेंशन फ्री रहें, बस करें यह काम !

नहीं चुका पा रहे हैं बैंक लोन या क्रेडिट कार्ड का बिल, तो बस करें यह काम !

नमस्कार दोस्तों आज का यह पोस्ट उन सभी लोगों के लिए पढ़ना बहुत ज़रूरी है, जिन्होंने भी बैंक से लोन या क्रेडिट कार्ड लिया हुआ है और वो उसके बिल को नहीं चुका पा रहे हैं | तो दोस्तों यदि आप किसी बैंक के कर्जदार हैं तो फिर आपको हमारा यह पोस्ट ज़रूर पढ़ना चाहिए | क्योंकि आज के इस पोस्ट में हम आपको कुछ ऐसे नियमों के बारे जानकारी देंगे, जो कर्जदारों को सरकार द्वारा दिए गए हैं | यदि कोई व्यक्ति इन नियमों को तोड़ता है तो उसके खिलाफ़ सख्त कानूनी करवाई भी की जा सकती है |

बैंक द्वारा नोटिस दिया जाना है ज़रूरी - 

वर्तमान समय में सरकार ने सभी कर्जदारों को कई अधिकार दिए हैं, जिसके द्वारा वे अपने लोन और क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान कुछ समय बाद भी कर सकते हैं | अगर आपने बैंक का लोन नहीं चुकाया है तो बैंक आपको सीधे गुन्हेगार नहीं बना सकता | क्योंकि बकाया राशि वापिस पाने के लिए बैंक को उचित प्रक्रिया को फॉलो करना होता है | 

यदि आप अपनी जनरल पेमेंट को 90 दिनों तक अदा नहीं कर पाते हैं तो ऐसे में बैंक आपको Non Performing Asset (NPF) में डाल देता है, जिन्हें बैंक 60 दिनों की अवधि वाला नोटिस जारी करता है | बैंक द्वारा यह 60 दिनों का समय हर डिफाल्टर को दिया जाना ज़रूरी है और अगर उस नोटिस के बाद भी बैंक को पेमेंट नहीं मिलती है, तो ऐसे में बैंक उस डिफाल्टर की प्रॉपर्टी को नीलाम भी कर सकता है | 

लोन अदा ना करने पर नीलाम हो सकती है प्रॉपर्टी -

लेकिन उस डिफाल्टर की प्रॉपर्टी को नीलाम करने से पहले बैंक को उसे 30 दिन पहले पब्लिक नोटिस देना ज़रूरी होता है |बैंक अपनी पेमेंट वापिस पाने के लिए ही कर्जदार की प्रॉपर्टी को नीलाम करता है | लेकिन ऐसा करने के लिए उसे कर्जदार को नोटिस देना भी ज़रूरी है | बैंक के उस नोटिस में कर्जदार को उसके असेट के लिए बैंक द्वारा निकाली गई वैल्यू के बारे में जानकारी दी जाती है |


साथ ही साथ उसमें नीलामी की तारीख, समय और रिज़र्व पप्राइज जैसी ज़रूरी जानकारियाँ भी होती हैं | अगर कर्जदार को उसकी प्रॉपर्टी के लिए बैंक द्वारा निकाली गई वैल्यू कम लगती है, तो ऐसे में वो ऑब्जेक्शन भी उठा सकता है | बैंक से अच्छा ऑफर लाकर वह अपनी बात को सबके सामने रख सकता है और बैंक के फैसले को बदलवा सकता है | 

यदि कभी कोई कर्जदार ऐसी किसी परिस्थिति में फँसता है तो वह खुद भी अपनी प्रॉपर्टी का सौदा कर सकता है और अच्छे दामों पर उसे बेच सकता है | सरकार द्वारा कर्जदारों को जो अधिकार दिए गए हैं, उन्हें आप भी निचे पढ़ सकते हैं -

बकाया राशि वापस पाने का अधिकार -

कर्जदार ने बैंक को जितना पैसा देना है और बैंक द्वारा नीलामी में जो खर्च हुआ है, दोनों अमाउंट लेने के बाद बैंक को बकाया राशि कर्जदार को वापस देनी होती है | बैंक द्वारा बकाया राशि कर्जदार के अकाउंट में तुरंत ट्रान्सफर करना ज़रूरी होता है | आजकल नीलामी ऑनलाइन की जाती है ताकि पैसों की कोई गड़बड़ी ना हो और दोनों पक्षों को इसकी जानकारी हो |

अपनी बात को आगे रखने का अधिकारी -

नोटिस अवधि के दौरान कर्जदार अपनी बात को अथॉराइज्ड आधिकारी के सामने रख सकता है और चाहे तो उस पर ऑब्जेक्शन भी उठा सकता है | यदि कभी किसी कर्जदार द्वारा कोई ऑब्जेक्शन उठाया जाता है, तो अधिकारी को उसका जवाब 7 दिनों के भीतर देना होता है |


अगर उधार देने वाला कर्जदार के ऑब्जेक्शन को अस्वीकारता है और उसका वैध कारण नहीं बताता है, तो कर्जदार उसके खिलाफ़ शिकायत भी दर्ज करा सकता है | बैंक अधिकारीयों द्वारा साथ ना मिलने पर कर्जदार बैंकिंग लोकपाल के पास भी जा सकता है |

सम्मान पाने का अधिकार -

यदि कोई कर्जदार लोन का सही समय पर भुगतान नहीं कर पाता है, तो ऐसे में बैंक एजेंट उससे किसी भी तरह की बदतमीजी नहीं कर सकता है क्योंकि बैंक को कर्जदार की प्राइवेसी को मेन्टेन करना होता है | इसके अलावा कोई भी बैंक एजेंट रात के समय किसी कर्जदार के घर नहीं जा सकता है | आधिकारिक रूप से कोई भी बैंक एजेंट कर्जदार से केवल सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे के बीच में ही मिल सकता है | 

इसके अलावा कोई भी बैंक एजेंट किसी भी कर्जदार को या उसके परिवार वालों को किसी तरह का कोई नुक्सान नहीं पहुँचा सकता है | इसके बावजूद भी यदि कोई बैंक एजेंट ऐसा करता है तो उसके खिलाफ़ कानूनी करवाई होना तय है | क्योंकि RBI (Reserve Bank of India) ने इसके लिए पहले से Guideline जारी की है, जिसके तहत ऐसा करना अपराध है |

इसी के साथ दोस्तों हमारा यह पोस्ट यहीं पर समाप्त होता है और हमें उम्मीद हैं कि आपको यह पोस्ट बहुत पसंद आया होगा |

दोस्तों अगर आपको हमारे द्वारा दी गई यह ख़बर पसंद आई हो तो इस पर Like, Share और Comment करना ना भूलें |

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